भारत नेशन, हजारीबाग रिपोर्ट
हजारीबाग, बड़कागांव —
अदाणी कोल ब्लॉक से जुड़े विवादों के बीच एक नया मामला सामने आया है, जिसमें कंपनी के एक अधिकारी पर स्थानीय पत्रकारों से अभद्र व्यवहार करने और खबर प्रकाशित करने पर आपत्ति जताने का आरोप लगा है।
सूत्रों के अनुसार, बड़कागांव क्षेत्र में जब कुछ पत्रकार ग्रामीण रैयतों की भूमि अधिग्रहण, मुआवजा और अधिकारों से जुड़ी समस्याओं पर रिपोर्ट तैयार कर रहे थे, तभी अदाणी कोल कंपनी के जन सूचना पदाधिकारी अनिमेष नचिकेता ने फोन पर उन्हें अपमानजनक भाषा में बात करते हुए धमकाया। उन्होंने कहा कि यदि कंपनी के खिलाफ कोई खबर प्रकाशित की गई, तो पत्रकारों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह भी बताया गया कि बातचीत के दौरान अधिकारी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा— “दुर्गा पूजा और दीपावली में मिठाई का गिफ्ट देते हैं, फिर भी कंपनी के खिलाफ खबरें क्यों छापते हो?” इस टिप्पणी से स्थानीय पत्रकारों में गहरा आक्रोश है।
पत्रकारों का कहना है कि उनका उद्देश्य किसी संस्था का विरोध नहीं, बल्कि ग्रामीणों की वास्तविक समस्याओं को उजागर करना है। वहीं ग्रामीणों ने भी आरोप लगाया है कि कंपनी द्वारा भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही और मुआवजे के वितरण में अनियमितताएं हो रही हैं।
पत्रकारों और ग्रामीणों दोनों का मानना है कि कंपनी के जन सूचना पदाधिकारी का दायित्व संवाद और सहयोग का होता है, लेकिन इस तरह का व्यवहार न केवल असंवेदनशील है, बल्कि कंपनी और जनता के बीच विश्वास की दीवार भी खड़ी करता है।
घटना की सूचना कंपनी के महाप्रबंधक पुंडरीक मिश्रा को भी दी गई है, और अब यह देखना होगा कि प्रबंधन इस पर क्या कार्रवाई करता है।
इधर, स्थानीय पत्रकार संघ ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता पर किसी भी प्रकार का दबाव लोकतंत्र के मूल्यों पर सीधा हमला है। संघ ने जिला प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों ने भी कहा कि पत्रकार ही उनकी आवाज हैं— यदि उन पर दबाव डाला गया, तो यह न केवल पत्रकारिता के लिए बल्कि पूरे लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।















