
भीनमाल, जिला जालोर (राजस्थान)
भीनमाल में आदर्श विद्या मंदिर के तत्वावधान में चल रही समर्थ शिशु श्रीराम कथा के तीसरे दिन मानस मर्मज्ञ श्याम स्वरूप मनावत ने व्यासपीठ से कहा कि भारत वर्ष में स्त्री के मातृत्व की पूजा होती है। हमारे अवतार, ऋषि, मनीषी, साधु-संत और भगवान भी मां की कोख से ही जन्म लेते हैं, इसलिए मां का गर्भ पवित्र और पूज्य है।
उन्होंने कहा कि “जब भी कोई बेटी या बहू गर्भवती हो, तो उसका आदर उसी प्रकार करें जैसे कुलदेवी का करते हैं,” क्योंकि उसी की कोख से वंश आगे बढ़ता है। मनावत ने समझाया कि मां का गर्भकाल नवरात्रि की तरह पवित्र होता है — इस दौरान गर्भवती स्त्री का सम्मान करना धर्म और संस्कृति दोनों का कर्तव्य है।
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि “दशरथ बनेंगे तो संसार को राम देंगे, दशानन बनेंगे तो अहंकार।” कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
तीसरे दिन के कथा प्रसाद के लाभार्थी एडवोकेट बालूराम चौधरी रहे। मंच संचालन हनुमान प्रसाद दवे ने किया और स्वागत संयोजक भंवर कानूगो ने किया।
कार्यक्रम में महामंडलेश्वर साध्वी ईश्वरीनंदगिरीजी, संत हिम्मतनाथजी, एवं अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कथा का समापन राम जन्मोत्सव की झांकी से हुआ, जिसमें श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूम उठे।
रिपोर्टर: राहुल सोनी















