
धमतरी छत्तीसगढ़
बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत जिले में जागरूकता बढ़ाने के लिए आज कम्पोजिट बिल्डिंग में एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बालगृह प्रतिनिधि, चाइल्ड हेल्पलाइन और अन्य गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ डीएसपी एस. करण दीप ध्रुव और जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती जगरानी एक्का ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। इसके बाद उपस्थित लोगों ने वंदेमातरम का गायन किया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री आनंद पाठक ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह और इसके अपराधी मानकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी बाल विवाह मानी जाएगी, और इसमें शामिल पुरोहित, आयोजक और प्रोत्साहक भी अपराधी माने जाएंगे। इसके तहत 2 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
परियोजना अधिकारी सुमित गंडेचा ने बताया कि टेंटवाले, हलवाई, कार्ड छापने वाले, ज्वेलरी दुकानदार और मितानिन जैसे सभी को बाल विवाह रोकने में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी जगरानी एक्का ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका की अहमियत बताते हुए कहा कि समय पर जानकारी देने से आर्थिक और सामाजिक नुकसान रोका जा सकता है। डीएसपी एस. करण दीप ध्रुव ने कहा कि बाल विवाह को रोकना बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को शपथ ग्रहण कराकर बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत बनाने के लिए प्रेरित किया गया। जिले के 370 ग्राम पंचायतों में से 222 पंचायतें अब बाल विवाह मुक्त घोषित की जा चुकी हैं। अभियान के तहत 31 मार्च 2026 तक धमतरी को पूर्ण रूप से बाल विवाह मुक्त जिला घोषित किया जाएगा।
संवाददाता – गोविंदा सेन















